दिसम्बर में आधार लिंक प्रक्रिया के लिए अंतिम तिथि की 31 मार्च के रूप में घोषणा की गयी थी। हलाकि मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की एक पीठ ने आधार लिंक कराने की अंतिम तिथि को फैसला आने तक बढ़ा दिया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट आधार को लिंक कराने के मामले पर सुनवाई कर रही है और मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला आने तक आधार लिंक कराने की अंतिम तिथि हटा दी है। याचिकाकर्ता ने बैंक खातों, फोन नंबरों और अन्य सेवाओं के साथ आधार की अनिवार्य जोड़ने के लिए समय सीमा का विस्तार करने की मांग की थी। उनका तर्क है कि सेवाओं के साथ 12 अंकों की पहचान संख्या को जोड़ने से व्यक्तिगत गोपनीयता से समझौता होगा।
रिपोर्ट के अनुसार मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की एक पीठ ने कहा कि सोशल वेलफेयर स्कीम के अंतर्गत होने वाले डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर में आधार की अनिवार्यता बनी रहेगी। इससे पहले दिसंबर में, अदालत ने 31 मार्च को आधार सेवाओं को जोड़ने के लिए प्रक्रिया को पूरा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई थी।
आपको बता दें आधार की डेडलाइन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डेडलाइन बढ़ाने के कारण वित्तवर्ष के अंत में भ्रम की स्थिति पैदा होगी। बैंकों में भ्रम की स्थिति नहीं पैदा हो इसके लिए केंद्र को आधार लिंक की आखिरी तारीख पर सफाई देनी चाहिए। केंद्र ने भी कहा था कि आधार मामले में लंबित सुनवाई को पूरा करने के लिए थोड़ा समय और चाहिए होगा, इसलिए सरकार समयसीमा को 31 मार्च से आगे बढ़ा सकती है।
आपको ये भी बता दें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झटका देते हुए मेडिकल एग्जाम में आधार की अनिवार्यता खत्म कर दी है।